एमपीआईजीआर पोर्टल से धोखाधड़ी से बच सकेंगे लोग

इंदौर।  जमीन या कॉलोनी में प्लॉट लेने से पहले उसकी वैधत की जानकारी व्यक्ति घर पर ही ऑनलाइन देखकर अपनी मेहनत की कमाई खर्च कर सकेगा। सरकारी या  निजी जमीन के  उपयोग की जानकारी भी एमपीआईजीआर पोर्टल   मिलेगी।  जमीन के पंजीयन के समय, ई-स्टांप की वैधता, रेरा में पंजीयन आदि जानकारी भी परखी जा सकती है। यही नहीं नामांतरण की प्रक्रिया के लिए किस तहसील में जाना है, यह भी पता चल जाएगा।  
कोई खेती की जमीन ले रहा है या किसी कॉलोनी में प्लॉट तो उसकी वैधता, जमीन का उपयोग, वह सरकारी है या निजी, जमीन का उपयोग आदि के साथ ही रेरा में पंजीयन और   दस्तावेजों के नंबर से परख सकेंगे कि रजिस्ट्री पंजीयन विभाग में रजिस्टर्ड है या नहीं।  जो ई-स्टांप बनवाया है, वह वैध या नहीं सारी जानकारी अब व्यक्ति घर बैठे अपने मोबाइल पर ही एमपीआईजीआर पोर्टल पर देखकर समझ सकता है।  एमपीआईजीआर पोर्टल के माध्यम से लोग जमीन या प्लॉट अथवा मकान आदि खरीदकर किसी लफड़े में उलझने से बच सकेंगे। पंजीयन विभाग के  द्वारा तैयार करवाए गए इस पोर्टल से लोग धोखाधड़ी से बच सकेंगे। पोर्टल पर खरीदी जाने वाली जमीन के खसरे की वर्तमान स्थिति, जिस कॉलोनी में मकान लेना चाहते हैं, उस बिल्डर का रेरा में रजिस्ट्रेशन है या नहीं। पोर्टल के माध्यम से व्यक्ति   जमीन,मकान की रजिस्ट्री, ई-स्टांप,खसरा और बिल्डर के रेरा रजिस्ट्रेशन की जांच  ऑनलाइन कर सकते हैं।  इसकी मदद से अपनी रजिस्ट्री का स्टेटस भी जान सकते हैं।  जमीन की रजिस्ट्री  के बाद  किस तहसीलदार कोर्ट में जाकर नामांतरण करवाना है, इसकी भी जानकारी  पोर्टल देगा।  रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की जरूरत नहीं है। मिलने वाले डीडी नंबर के आधार पर आप स्वयं भी पंजीयन विभाग की वेबसाइट   पोर्टल खोलकर अपने नामांतरण की स्थिति को जांच सकते हैं। फर्जी रजिस्ट्रियों की  शिकायतें सामने आने के बाद विभाग ने स्वयं दस्तावेज की परख करने का विकल्प उपलब्ध करवा दिया है।
एमपीआईजीआर पोर्टल पर जानकारी देखने के लिए पहले  लॉगइन पासवर्ड जनरेट करना जरूरी रहा है, जो अब समाप्त कर विभाग ने बगैर लागइन पासवर्ड और शुल्क के ही अब जानकरी उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली है।  पोर्टल पर जाने पर पांच लिंक दिखाई देगी। यहां कृषि भूमि नामांतरण जांचें विकल्प पर क्लिक कर देखा सकता है। जमीन की रजिस्ट्री का डक्यूमेंट नंबर डालकर सर्च करने पर नामांतरण की स्थिति दिखाई देगी जिसका प्रिंट निकालकर व्यक्ति तहसीलदार न्यायालय  में उपस्थित हो सकते हैं।  वर्तमान में विभाग के सॉफ्टवेअर  से  रजिस्ट्री के तुरंत बाद नामांतरण के आवेदन तो हो रहे हैं, किन्तु उसकी जानकारी व्यक्ति को नहीं होने से आवेदन निरस्त हो जाते हैं। आवेदन के साथ अन्य दस्तावेज नहीं होने से कार्रवाई ही नहीं हो रही है। आवेदक को सप्ताह के अंदर जाकर अपने दस्तावेज देकर आवेदन को आगे बढ़ाना जरूरी है। अब इस पोर्टल से जानकारी मिलने से लोग तत्काल आवेदन के लिए दस्तावेज लेकर पहुंचेंगे और नामांतरण करवा सकेंगे।