इंदौर। कोरोना के कहर को देखते ही ट्रेनों सहित अंतरराज्यीय बसों के पहिए थम गए हैं। ऐसे में प्रदेश के अलग -अलग शहरों में इंदौरी फंसेे हुए हैं। उन्हें अब इस बात का इंतजार है कि कब ट्रेनें सहित अन्य यात्री वाहन शुरू हों ताकि वह अपने घर आसानी से पहुंच सकें।
देशभर में कोरोना के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है,यही वजह है कि एतियात के तौर पर ट्रेनों सहित अन्य बसों के संचालन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। कई शहरों में कफ्र्यू घोषित हो चुका है तो कई शहरों में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। लॉकडाउन में भी कफ्र्यू जैसा ही नजारा है। कोरोना का संकट देश में बढ़ा तो यात्रियों से जुड़े आवागमन के साधन पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में हजारों की तादाद में इंदौरी देश के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं। जब तक यात्री वाहन पुन: सुचारु रूप से सड़क पर या पटरी पर दौडऩा शुरू नहीं हो जाते हैं, इनका इंदौर पहुंचना नाममुकिन है।
उप्र-महाराष्ट्र में फंसे अधिकांश लोग
बताया जा रहा है कि कोरोना के कहर से पहले इंदौर में रहने वाले कई लोग बड़ी तादाद में किसी ना किसी काम के सिलसिले में उप्र व महाराष्ट्र गए थे। अचानक ट्रेन सेवा व अंतरराज्यीय बसों के बंद हो जाने से वह वहीं फंस गए हैं। दरअसल इंदौर आने वाले सभी यात्री वाहनों पर रोक लगा दी है। ऐसे में 31 मार्च बाद ही इनके इंदौर लौटने की उम्मीद है।
सड़कों पर सख्ती
वहीं उप्र व महाराष्ट्र में फंसे लोगों का कहना है कि भले ही ट्रेन व बसें बंद हों, लेकिन वह अपने निजी वाहनों से भी इंदौर नहीं पहुंच सकते, क्योंकि सड़क पर पुलिस का कड़ा पहरा है और किसी को भी किसी भी शहर के अंदर प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते उनका फिलहाल इंदौर पहुंचना आसान नहीं है।
कोरोना के चलते कई शहरों में फंसे इंदौरी